"आंचल" की छाँव में....!!
आँख से कभी किसी का काजल नहीं माँगा करते रूठ जाते हैं तो फिर उनसे "आँचल" नहीं माँगा करते.....!
Saturday 31 October 2015
थोड़ी सी ज़िद थी अपनी थोड़ी सी नादानी थी,
दरिया के उस पार गयी जो कश्ती बड़ी पुरानी थी,
दर्द मिले अहसास मिले कुछ मिले भरोसे वाले भी,
जीत के बाज़ी हार गया बस अपनी यही कहानी थी,
- अंकित पटेल
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