Monday 8 May 2017


 
जिन्दगी खुशियों भरी है गम क्या जाने,
महक तेरे आँचल की मौसम क्या जाने,
जख्म धोये थे फकत आँसुओं से जिसने,
घाव कैसे ठीक हुआ मरहम क्या जाने
- अंकित पटेल

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